रणथंबोर दुर्ग का इतिहास और पूरी जानकारी - Ranthambore Fort History, Timings, Ticket Price, Images In Hindi

आपने Rahasyo Ki Duniya पर राजस्थान के आमेर का किला, नाहरगढ़ या फिर सिटी पैलेस या जयपुर के अन्य घूमने के स्थानों के बारे में तो पढ़ ही लिया होगा। आज जानते है रणथंबोर दुर्ग(Ranthambore Fort)  के बारे में।

राजस्थान में हवामहल, जंतर-मंतरआमेर का किलानाहरगढ़ किलासिटी पैलेसअल्बर्ट हॉल म्यूजियमरामबाग पैलेस, पत्रिका गेट पुराना जयपुर और भी कई जगहों पर आप घुमे होंगे। लेकिन क्या आपने रणथंबोर दुर्ग (Ranthambore Fort) घुमने गए है?

रणथंबोर दुर्ग का इतिहास(Ranthambore Fort History In Hindi) : रणथंबोर दुर्ग या Ranthambore Kila राजस्थान के शानदार किलों की सूचि में शामिल अध्भुत किला है। जिसका सम्बन्ध रणथंबोर के चौहान वंश से है। रणथंबोर किला 12 भी सदी से हैं।  राजस्थान घुमने वाले और शाही जीवन जीने के इच्छुक लोगों के लिए रणथंबोर दुर्ग सही स्थान है। रणथंबोर का किला रणथंबोर राष्ट्रीय पार्क के बीचों बीच हैं जहां से रणथंबोर दुर्ग और रणथंबोर दुर्ग से रणथंबोर राष्ट्रीय पार्क दोनों का ही बहुत आकर्षक और मनमोहक दृश्य दिखता है।

रणथंबोर दुर्ग विश्व विरासत सूची में शामिल हैं क्योंकि यह एक खास पहाड़ी पर स्थित किला है जिसके चारों तरफ घना जंगल है जहां राजा शिकार के लिए जाते थे। यह किला चारों तरफ से विशाल दिवारों से घिर हुआ है। इन्हीं विशाल दीवारों पर बड़े बड़े पत्थरों से सीढ़िया बनी हुई है जो किले की तरफ जाती है। राजा, किले की सुरक्षा के लिए सैनिकों को इन्ही पत्थर की बनी दीवार पर तैनात करते थे।

रणथंबोर दुर्ग का इतिहास और पूरी जानकारी - Ranthambore Fort History, Timings, Ticket Price, Images In Hindi
रणथंबोर दुर्ग का इतिहास - Ranthambore Fort History In Hindi

Ranthambore Kila बड़े बड़े दरवाजे, विशाल गुम्बद, स्तंभ, महल, मंदिरों की वास्तुकला प्रसिद्ध है जो पर्यटकों को और भी अधिक आकर्षित करती है। रणथंबोर का राष्ट्रीय रिजर्व पार्क में कई पक्षी और जानवर रहते है। आप यहां बंदरों को उछल कूद करते हुए देख सकते है। आपको यहां बंदरों का नृत्य भी देखने को मिलेगा। रणथंबोर दुर्ग घूमने वाले है या फिर रणथंबोर दुर्ग का इतिहास जानना चाहते है तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें ताकि आप जान पाए की रणथंबोर दुर्ग को वास्तुकला कैसे लोगों को आकर्षित करती है और रणथंबोर दुर्ग का पूरा इतिहास क्या है? रणथंबोर दुर्ग की पूरी जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी।

तो चलिए जानते हैं रणथंभोर दुर्ग इतिहास (Ranthambore Fort History In Hindi)

रणथंबोर दुर्ग का इतिहास और रहस्य । Ranthambore Fort History In Hindi

रणथंबोर दुर्ग का इतिहास कई सौ सालों पुराना है। फिर भी इसके निर्माण की बात करें तो सही तारीख या समय किसी को नहीं पता लेकिन पुरातत्व वैज्ञानिकों के अनुसार चौहान वंश के राजा सपलक्ष के शासनकाल में शुरू हुआ और शेष कार्य राजस्थान के चौहान वंश के शाही परिवारों ने पूरा करवाया। चौहान राजाओं ने इस किले को रणस्तंभ नाम दिया।

रणथंबोर दुर्ग का इतिहास और पूरी जानकारी - Ranthambore Fort History, Timings, Ticket Price, Images In Hindi
रणथंबोर दुर्ग की फोटो-Ranthambore Fort Images In Hindi

पृथ्वीराज प्रथम के शासनकाल में यहां जैन धर्म का उदय और विस्तार हुआ। सन् 1192 ईस्वी में मुगल शासक मुहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान तृतीय को हराकर रणथंबोर को अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद सन् 1226 में Ranthambore Kila पर मुग़ल बादशाह इल्तुतमिश का शासन हो गया। क्योकि दिल्ली पर इल्तुतमिश  का शासन था। लेकिन सन् 1236 में चौहानों ने फिर से रणथम्भौर दुर्ग पर कब्जा कर लिया था। 

 सन् 1259 में कई प्रयासों के बाद जैतसिंह चौहान ने किले पर कब्जा किया और सन् 1283 में जैतसिंह चौहान के उत्तराधिकारी शक्ति देव ने रणथम्भौर दुर्ग को जीतकर राज्य का विस्तार किया। जिसके बाद सन् 1301 में अलाउद्दीन खिलजी ने रणथम्भौर दुर्ग को जीतकर अपने अधिकार में ले लिया। 

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रणथंबोर किले की वास्तुकलाएं । Architecture Of Ranthambore Fort In Hindi

रणथंबोर नेशनल पार्क के बीच स्थित बड़ी चट्टान पर रणथंबोर दुर्ग बना हुआ हैं। रणथंबोर किले में बहुत बड़ी सुरक्षा दीवार और सात दरवाजे हैं। जिनमे हाथी पोल, अंधेरी पोल,गणेश पोल,नवलखा पोल,दिल्ली पोल,सूरज पोल और सतपोल द्वार हैं। रणथंबोर किले में एक कचहरी भी मौजूद हैं। जिसमे 3 कक्ष हैं। कचहरी में सबसे बढ़ा केंद्रीय कक्ष हैं। इसके बाद बरामदे में खम्भे हैं जो दीवार को सपोर्ट दे रहे हैं। रणथंबोर किले में राजा हम्मीर सिंह के शासनकाल में बना महल भी हैं जिसको हम्मीर पैलेस कहते हैं। हम्मीर पैलेस में बालकनी और कक्ष हैं जो सीढ़ी और छोटे पारंपरिक दरवाजों से आपस में जुड़े हुए हैं। तीन मंजिला हम्मीर पैलेस में 32 स्तम्भ हैं जो गुम्बद को सपोर्ट दे रहे हैं। पैलेस की प्रत्येक मजिल पर बरामदा मौजूद हैं।

रणथंबोर दुर्ग का इतिहास और पूरी जानकारी - Ranthambore Fort History, Timings, Ticket Price, Images In Hindi

रणथंबोर दुर्ग में 84 स्तंभों पर टिका हुआ एक बहुत बड़ा हॉल, जिसकी उचाई 61 मीटर, मौजूद हैं। जिसको बादल महल कके नाम से भी जाना हैं। जिसका उपयोग राजा बैठक और शासन कार्यवाही करने के लिए करते हैं।

रणथंबोर गणेश मंदिर । Ranthambore Ganesh Mandir

रणथंबोर दुर्ग में गणेश मंदिर भी हैं जो यहां आने वाले भक्तों और पर्यटकों में प्रसिद्द हैं। मान्यता हैं की अगर कोई अपने मन की इच्छा भगवान् श्री गणेश जी को पात्र में लिखकर भेजता है तो उसकी सभी मवांछित इच्छाएं पूरी होती हैं। 

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रणथंबोर किला घूमने का सबसे अच्छा समय । Best Time To Visit Ranthambhore Fort In Hindi

जब भी आप रणथंबोर दुर्ग या राजस्थान घूमने का प्लान बनाये तो एक बात का हमेशा ध्यान रखें की राजस्थान में गर्मी बहुत पड़ती हैं। इसलिए राजस्थान सर्दी या बारिश में घूमना सही रहता है। बारिश में राजस्थान हरियाली से भर जाता हैं। लेकिन यदि आप गर्मी में भी आ रहे है तो अपना शेडूअल शुबह और शाम के अनुसार रखें। 

रणथंबोर दुर्ग का इतिहास और पूरी जानकारी - Ranthambore Fort History, Timings, Ticket Price, Images In Hindi

रणथंबोर किला घूमने के लिए टिप्स । Tips For Visiting Ranthambore Fort In Hindi

  • खुद को हमेशा हाइड्रेटेड रखें और पानी की बोतल अपने पास रखें। 
  • धुप से बचने के लिए पर्यापत कपडे पहने और धुप से बचने की कोशिश करें। 
  • जब भी नेशनल पार्क घूमने के लिए जाएँ तो सफारी पहले से बुक कर ले ताकि आपने ट्रेवल शेडूअल में गड़बड़ी न हो। 

रणथंबोर में प्रसिद्ध भोजन । Famous Food In Ranthambore In Hindi

रणथंबोर दुर्ग या Ranthambore Kila अपने किले और वन्यजीवों के लिए प्रसिद्द हैं। लेकिन यहाँ का कोई स्पेशल खाना नहीं हैं। यहाँ कई स्थानीय ढाबे और रिसॉर्ट्स हैं जहाँ आपको राजस्थानी खाना जैसे: दाल बाटी चूरमा, बेसन गट्टे की सब्जी, घेवर आदि। साथ में आप पंजाबी खाने का भी आनंद ले सकते हैं जो यहाँ के रिसॉर्ट्स में आपको मिल जाएगा। 

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रणथंबोर किला कैसे पहुंचे । How To Reach Ranthambore Fort In Hindi

जब भी आप रणथंबोर दुर्ग घूमने का प्लान बनाये तो आप जरूर सोचते होंगे की रणथंबोर दुर्ग कैसे पहुंचे? तो आपको फ़िक्र करने कि जरुरत नहीं हैं क्योकि राजस्थान की राजधानी जयपुर सड़क मार्ग, हवाई मांग के साथ रेन मार्ग से भी जुड़ा हुआ हैं। 

जयपुर से रणथंबोर किला मात्र 180 किलोमीटर दूर हैं। जयपुर से आपको पुरे राजस्थान घूमने के लिए बस, टैक्सी, रेल और फ्लाइट्स मिल जाएगी। 

इस लेख में हमने Ranthambore Kila के इतिहास और रहस्य के साथ-साथ आपको राजस्थान घूमने की पूरी जानकारी दी हैं।  आपको पढ़कर कैसा लगा हमने कमैंट्स बॉक्स में जरूर बताये। 

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निष्कर्ष : रणथंबोर दुर्ग का इतिहास । Ranthambore Fort History In Hindi

आशा हैं दोस्तों आपको रणथंबोर दुर्ग का इतिहास । Ranthambore Fort History In Hindi के बारे  दी गयी जानकारी अच्छी लगी होगी और पसंद भी आयी होगी। तो इस लेख को अपने सोशल मीडिया पर यारों-दोस्तों से साझा करें। और रणथंबोर दुर्ग यात्रा या इस लेख से सम्बंधित सवालों को निचे कमेंट में पूछे। 

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