भूतिया हवेली की कहानी आपको जरूर अच्छी लगेगी यहां पर हमने आपको यहां पर बहुत सी भूतिया कहानियां सुनाई गई है जिनको आप पढ़ सकते हैं जैसे:- चुड़ैल की कहानियां, भूतिया हवेली की कहानियां, विक्रम बेताल की कहानियां आदि।
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भूतिया कहानियां की कड़ी में आज हम आपको चुड़ैल की कहानी सच्ची घटना से जुडी चुड़ैल की कहानी पढ़ने को मिलेगी।
तो चलिए शुरू करते है भूतिया हवेली की कहानी
आज की भूतिया हवेली की कहानी में आप जानेंगे कि एक बहुत बड़ी हवेली कैसे भूतिया हवेली में बदल गई और भूतिया हवेली की कहानी लोगों में फैल गई।
भूतिया हवेली की कहानी | Bhutiya Haveli Ki Kahani
पुरानी हवेली जिसको छोड़कर सभी लोग चले गए, क्योंकि कोई भी वहां नहीं रहना चाहता था। पुरानी हवेली से थोड़ी ही दूर उन्होंने एक नई हवेली बनाई और सभी लोग वहीं रहने लगे। पुरानी हवेली छोड़ने का कारण बहुत ही रहस्यमय था क्योंकि कोई भी नहीं जानता था कि उन लोगों को किस कारण से अपनी पुरानी हवेली छोड़ने पड़ गई थी। यह सब कुछ इतनी जल्दी हुआ कि लोगों को अपनी जान बचाना बचाने के लिए हवेली को छोड़ना ही पड़ा।
यह बात करीब 20-22 साल पुरानी है। परिवार में सभी लोग त्यौहार की जोर शोर से तैयारियां कर रहे थे। उस समय सभी लोग पुरानी हवेली में ही रहते थे। रात का समय था गांव में उस समय बिजली नहीं थी जिसके कारण चारों तरफ बहुत अंधेरा था। कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। सभी सोच रहे थे कि जल्दी से बिजली आने वाली है लेकिन बिजली नहीं आई। तब हवेली में पुरानी हवेली में उजाला करने के लिए कुछ दीपक जले हुए थे तभी एक हवा का झोंका सभी दीपक को जले हुए दीपक बंद हो गए। यह कैसे हुआ? किसी को नहीं पता चला। सभी सोच रहे थे कि हवा से ऐसा हुआ है लेकिन सच कुछ और ही था।
सभी लोग बाहर घूम रहे थे और कुछ नौकर हवेली के ऊपर बुझे हुए दीपक को फिर से जलाने जला रहे थे लेकिन दीपक जलते ही तुरंत बंद हो जाता था। नौकरों की सारी कोशिशें नाकाम हो रही थी तभी नीचे से आवाज आई। तुम सभी है क्या कर रहे हो? तुमसे एक भी दीपक नहीं चल रहा, यह कहते हुए वह ऊपर की तरफ आए कि उनका पैर फिसल गया। जिस वजह से वह ऊपर नहीं जा सके
उसके पश्चात सभी लोग भागकर वहां आ गए। सभी ने पूछा कि क्या हो रहा है? आप गिर कैसे गए? तो उन्होंने कहां की मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरे पीछे से बहुत तेज आवाज लगाई हो और जैसे ही मैं पीछे देखा तो वहां कोई नहीं था। तभी ऊपर से नौकर आता है और कहने लगा कि जब भी दीपक जलाते है अचानक बंद हो जाते है।
कुछ भी समझ में नहीं आ रहा कि आखिरकार ऐसा हो क्यों रहा है। अब तो कोई हवा का झोंका भी नहीं है जिसके कारण यह सभी दीपक बंद हो जाते है। सभी के मन में अजीबोगरीब ख्याल आने लग गए थे। बहुत पता करने के पश्चात भी कुछ हाथ नहीं लगा। रात बीत गई और सुबह हो गई। उसी दिन से सब कुछ बदलने लग गया। कई चीजें अपनी जगह पर नहीं थी और कई चीजों की जगह बदल चुकी थी।
सभी को भ्रम होता है कि शायद उन्होंने ही पहले यह चीज उसी स्थान पर रखी होगी लेकिन धीरे-धीरे यह घटनाएं बढ़ने लगी और एक दिन ऐसा हुआ जिसको देखने के पश्चात सभी का उस पुरानी हवेली से दूर जाने का मन करने लगा।
दरअसल उनकी कार अपनी जगह पर ही उलटी दिशा में खड़ी थी जबकि उस कार को किसी ने हाथ भी नहीं लगाया था। यह घटना बहुत रहस्यमई थी सबसे पहले तो सब एक दूसरे पर शक की निगाहों गढ़ने लगे लेकिन कार की चाबी बड़े भाई के पास थी तो और चाबी लेना उनसे असंभव था। इसलिए सभी के मन में हवेली को लेकर डर बैठने लगा।
पुरानी हवेली में भी रोजाना अजीबोगरीब घटनाएं होने लगी। लाइट अपने आप चालू बंद होने लगी, ऐसा लगने लगा जैसे कमरे में कोई चिल्ला रहा है, कभी किसी के बोलने की आवाज आती तो कभी किसी के फुसफुसाहट की और जब कोई कमरे में जाता तो वहां कोई भी नहीं मिलता। किसी को भी यह पता नहीं चलता कि यह आवाज कहां से आ रही है क्योंकि कमरा चारों तरफ से बंद था कमरे में सिर्फ एक दरवाजा था जिससे अंदर और बाहर आना जाना संभव था।
एक दिन कमरे में चीखने चिल्लाने की आवाजें आने लगी जब सभी लोगों ने जाकर देखा तो वहां कोई नहीं था। सभी के मन में डर बैठने बैठ चुका था। अनगिनत बातें उनके मस्तिष्क में चल रही थी। कोई भी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रहा था। सभी के पास एक ही सवाल था और जिसका जवाब किसी के पास भी नहीं था।
दूसरे दिन सुबह एक नौकर को बहुत मारा गया जब उसने यह बात सभी को बताई तो किसी ने भी उसकी बात पर यकीन नहीं किया लेकिन यहां जो हो रहा था उससे कोई भी अनजान नहीं था। सभी जानते थे कि यहां पर कुछ तो ऐसा है जो हम सबको इस पुरानी हवेली से दूर करना चाहता है। किसी ने भी नौकर की बात पर यकीन नहीं किया तो नौकर ने कहा कि मैं यहां पर काम नहीं करना चाहता। मैं यहां से जा रहा हूं यदि आप सभी लोग भी अपनी जान की परवाह करते हैं और जिंदा रहना चाहते हैं तो यहां से चले जाइए। नौकर की बात सभी के समझ से परे थी लेकिन सभी को एक अनजाना डर सता रहा था।
उस दिन के पश्चात सभी लोग उस पुरानी हवेली को छोड़कर, उससे कुछ दूर एक नई हवेली बना ली और सभी लोग वहीं पर रहने लगे। जब वह लोग नई हवेली से पुरानी हवेली को देखते तो उनको पुरानी हवेली की कमरों में कोई घूमता हुआ दिखाई देता। यह कोई नहीं जानता था कि वह कौन है लेकिन सभी लोग पुरानी हवेली से बहुत डरने लगी सभी को पता था कि यहां कोई तो है जो हमें हमें पुरानी हवेली में रहने नहीं देना चाहता था वह कुछ कोई भूत था या जिन चुड़ैल किसी को नहीं पता।
कुछ दिनों के बाद शहर से कॉलेज में पढ़ने वाले लड़कों का एक ग्रुप आता है और उसे हवेली में रहने की जिद करता है क्योंकि उन लोगों ने पुरानी हवेली की कहानी सुन रखी थी लेकिन वह इस को सच नहीं मानते थे और पुरानी हवेली में रात बिता कर लोगों को दिखाना चाहते थे भूत चुड़ैल नाम की कोई चीज नहीं होती।
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राजा की हवेली में भूत | Bhutiya Haveli Ki Kahani
राजा अपनी हवेली को छोड़कर दूर रहते थे लेकिन यह बात किसी को नहीं पता थी कि उस हवेली में भूत रहता है। राजा हवेली में नहीं रहते थे लेकिन गांव वाले उस हवेली के पास जाने से डरते थे। वह कहते थे कि यह हवेली ठीक नहीं है। गांव वाले नहीं जानते थे कि उस हवेली में है। भूत कैसे और कहां से आया? यह बात कोई नहीं जानता था लेकिन यह हवेली बहुत समय से वीरान और खाली पड़ी थी तो हो सकता है कि इसमें भूत रहने लग गया हो।
गांव वालों को इस बात का शक कैसे हुआ की राजा की हवेली में भूत रहता है या राजा की हवेली भूतिया है।
एक दिन एक आदमी अपने घर वापस आ रहा था। रात का समय था तभी उसे राजा की हवेली के की खिड़की के पास एक रोशनी दिखाई दी। ऐसा लग रहा था मानो कोई है। रात के समय वीरान सुनसान हवेली के पास रोशनी क्यों है? आदमी के दिमाग में सवाल घर करने लगे वह जानना चाहता था कि यहां रोशनी कैसे आई? और यहां कौन हो सकता है?
आदमी हवेली के पास जाता है तो वहां अजीबोगरीब आवाज आ रही थी। जबकि हवेली में जाने का कोई भी रास्ता नहीं था और अंदर जाने का जो रास्ता था वह पहले से बंद था। सभी जगह घास फूस पेड़ पौधे उगाए थे जिस कारण हवेली के दरवाजे को खोलकर अंदर जाना असंभव था। जब वह आदमी खिड़की के पास पहुंचा तो उसे अंदर से आवाज आने लगी, रोशनी बढ़ने लगी। वह डरने लगा कि यहां क्या हो रहा है और यह रोशनी कभी चालू हो रही है कभी बंद हो रही है? कुछ समय के पश्चात वह वहां रोशनी भी बंद हो गई और आवाज आना भी बंद हो गई। अब वहां शांति थी उस आदमी को कुछ समझ नहीं आया।
जैसे ही वह आदमी हवेली से जाने लगा तो उसके सामने एक साया आ गया। जिसको देखकर वह बुरी तरह डर गया। उसी क्षण अचानक से वह साया गायब हो गया। उस दिन के बाद वह आदमी कभी भी उस हवेली की तरफ नहीं गया। उसने यह बात पूरे गांव वालों को बताई जिसके बाद से सभी गांव वाले उस हवेली को भूतिया हवेली कहने लगे और भूतिया हवेली की तरफ जाना किसी खतरे से खाली नहीं है यह बात हर गांव में आने वाले को भी बताने लगे। गांव वाले सोचने लगे कि शायद इसी भूत की वजह से राजा ने इस हवेली को खाली कर दिया। कई बातें ऐसी हैं जिन पर आज भी गांव वाले शक करते हैं।
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