Vikram Betal Ki Kahani का अगला भाग सुनाने वाले है। बेताल के द्वारा विक्रमादित्य को सुनाई गई कहानियां बच्चे और बूढ़े बड़ी उत्सुकता के साथ सुनते है। बेताल के द्वारा सुनाई गयी सभी कहानियां बहुत ज्ञानवर्धक है जो बच्चों को जरूर सुनानी चाहिए।
आप सुन रहे है रहस्य की दुनिया पर Vikram Betal Ki Kahani। कई कहानी सुनाने के बाद एक बार फिर राजा विक्रमादित्य बेताल को पेड़ से उतारकर योगी के पास ले जाने के लिए आगे बढ़ते है।
हर बार की तरह इस बार भी बेताल राजा को एक कहानी सुनाता है।
आइए विक्रम बेताल की कहानी, विक्रम बेताल की कहानी भाग 24
मां बेटी के जो बच्चे हुए उनका आपस में क्या रिश्ता हुआ ? | विक्रम बेताल की कहानी भाग 24
राजा विक्रम बेताल को लेकर दोबारा से अंधेरी रात में डरावने जंगल से होकर योगी पास जाने लगते है। तब बेताल राजा से कहता है कि राजा राजन में बहुत खुश हुआ। तुम बिना हैरान हुए मेरे सवालों का जवाब देते रहते हो और बार-बार मुझे पेड़ से उतार कर ले जाने की परेशानी उठाते रहे हो, इसलिए अब मैं तुमसे एक बहुत भारी सवाल करूंगा, सोच समझकर उत्तर देना और बेताल राजा विक्रम को उन्हें एक नई कहानी सुनाता है।
एक नगर में मांडलिक राजा शासन करता था। मांडलिक राजा की पत्नी का नाम चडवती था जो मालव देश के राजा की इकलौती पुत्री थी। जिसके लावण्यवती नामक पुत्री थी। जब विवाह के योग्य हो गई तो राजा के भाई एवं रिश्तेदारों ने राजा से राज्य राज्य छीन लिया और देश निकाला दे दिया।
राजा रानी अपनी पुत्री को लेकर मालव देश चल दिए। रात के समय वह एक गहरे वन में रुके। पहले दिन चलकर राजा भीलो की नगरी में पहुंचे। राजा ने अपनी रानी और अपनी पुत्री से कहा कि तुम लोग जंगल में छुप जाओ नहीं तो भील तुम्हें परेशान करेंगे। इसके पश्चात रानी और राजकुमारी दोनों जंगल में छुप गए कुछ देर बाद भी लोगों ने राजा पर आक्रमण किया। राजा ने मुकाबला किया। लेकिन अंत में राजा मारा गया इसके पश्चात भील चले गए।
भीलो के जाने के पश्चात रानी और राजकुमारी जंगल से निकलकर आए और राजा को मरा हुआ देखकर बहुत ही दुखी हुए। वे दोनों शौक करते हुए एक तालाब के किनारे पहुंचे जहां चंड सिंह नाम का साहूकार अपने लड़के के साथ शिकार खेलने के लिए आया हुआ था। दो स्त्रियों के पैरों के निशान देखकर साहूकार के बेटे ने कहा - यदि यह स्त्रियां मिल जाए तो जिससे चाहो विवाह कर लेना।
लड़के ने कहा - छोटे पैर वाली लड़की की उम्र कम होगी उससे मैं विवाह करूंगा और आप बड़ी लड़की से विवाह कर लेना। साहूकार विवाह नहीं करना चाहता था लेकिन अपने बेटे के कहने पर वह राजी हो गया। थोड़ा आगे जाने के पश्चात उनको रानी और राजकुमारी दिखाई दी।
साहूकार ने पूछा - तुम कौन हो? रानी ने साहूकार को पूरा घटनाक्रम बताया। साहूकार उनको अपने घर ले गया। संयोग से राजकुमारी के पैर बड़े और रानी के पैर छोटे थे इसलिए साहूकार ने पुत्री से विवाह किया और लड़के ने रानी से।
इस प्रकार पुत्री सास बनी और मां बेटे की बहू और आगे चलकर उन दोनों की कई संताने हुई।
इतनी कहानी सुनाकर बेताल बोला - राजन बताओ मां बेटी के जो बच्चे हुए उनका आपस में क्या रिश्ता हुआ ?
दोनों से उत्पन्न बच्चो का रिश्ता क्या हुआ ?
राजा विक्रम का बेताल का सवाल सुनकर आश्चर्य में पड़ गया और बहुत सोच-विचार करने के पश्चात भी उनको कोई सवाल कोई जवाब नहीं मिला इसलिए वह चुप ही रहे और चलते गए।
बेताल राजा को देखकर बोला - राजन कोई बात नहीं मैं तुम्हारे धीरज और पराक्रम से बहुत प्रसन्न हूं इसलिए अब मैं इस मुर्द से निकल जाता हूं। तुम इस मुर्दे को योगी के पास ले जाओ लेकिन जब वह योगी तुम्हें इस मुर्दे को झुककर प्रणाम करने को कहे तब तुम कहना कि पहले आप इस मुद्दे को प्रणाम करके दिखाओ और जब योगी अपना सिर झुकाए, तब तुम उसका सिर काट देना। उसका बलिदान करके तुम पूरी पृथ्वी के राजा बन जाओगे और यदि सिर नहीं काटोगे तो वह तुम्हारी बलि देकर सिद्धि प्राप्त करेगा।
इतनी कहानी सुनाकर बेताल उस मुर्दे से निकल जाता है और राजा विक्रम मुर्दे को लेकर योगी के पास जाता है।
तो आज की Vikram Betal Ki Kahani में इतना ही फिर मिलते है नई कहानी के साथ सुनते रहिए Rahasyo Ki Duniya पर विक्रम बेताल की कहानियां।
विक्रम बेताल की कहानियां :-
- विक्रम बेताल की कहानियां
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 1
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 2
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 3
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 4
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 6
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 8
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 9
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 11
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 12
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 13
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 14
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 15
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 16
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 17
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 18
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 19
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 20
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 21
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 22
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 23
- विक्रम बेताल की अंतिम कहानी
बेताल ने राजा विक्रम को उस एक रात में 24 कहानियां सुनाई थी और अंतिम कहानी उस योगी की थी जिसके कारण बेताल विक्रम बेताल की कहानियों को एक जगह संग्रहित कर के उसको बेताल पच्चीसी नाम दिया गया।
आगे आने वाले भाग में हम आपको विक्रम बेताल की कहानियां , Vikram Betal Ki Kahani के सभी भाग सुनाएंगे।जिसमे आपको पता चलेगा की बेताल ने कौन कौनसी ज्ञानवर्धक कहानियां राजा विक्रम को सुनाई थी।
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