Vikram Betal Ki Kahani का अगला भाग सुनाने वाले है। बेताल के द्वारा विक्रमादित्य को सुनाई गई कहानियां बच्चे और बूढ़े बड़ी उत्सुकता के साथ सुनते है। बेताल के द्वारा सुनाई गयी सभी कहानियां बहुत ज्ञानवर्धक है जो बच्चों को जरूर सुनानी चाहिए।
आप सुन रहे है रहस्य की दुनिया पर Vikram Betal Ki Kahani। कई कहानी सुनाने के बाद एक बार फिर राजा विक्रमादित्य बेताल को पेड़ से उतारकर योगी के पास ले जाने के लिए आगे बढ़ते है।
हर बार की तरह इस बार भी बेताल राजा को एक कहानी सुनाता है।
आइए विक्रम बेताल की कहानी, विक्रम बेताल की कहानी भाग 20
मरते समय बालक क्यों हंसा ? | विक्रम बेताल की कहानी भाग 20
चित्रकूट नगर का राजा एक दिन शिकार खेलने जंगल में जाए गया। जंगल में घूमते घूमते राजा अकेला रह गया और रास्ता भूल गया। थक हार कर राजा एक पेड़ की छांव में बैठा जहां उसे एक ऋषि कन्या दिखाई दी। राजा ऋषि कन्या को देखकर उस पर मोहित हो गया। थोड़ी देर में ऋषि भी वहां आ गए।
ऋषि ने पूछा - तुम यहां कैसे आए?
राजा ने कहा - मैं यहां शिकार खेलने आया था।
ऋषि बोले - बेटा तुम क्यों जीव को मार कर पाप अर्जित करते हो।
राजा ने ऋषि से वादा किया कि मैं आज के बाद कभी भी शिकार नहीं खेलूंगा। इससे खुश होकर ऋषि ने राजा को वरदान दिया कि जो तुम चाहो मांग लो। राजा ने ऋषि से उनकी कन्या का हाथ मांगा। ऋषि ने खुश होकर दोनों का विवाह कर दिया।
जब राजा अपनी पत्नी को लेकर नगर आ रहा था तब रास्ते में एक भयानक राक्षस मिला। राक्षस ने रानी को पकड़ लिया और कहा - मैं तुम्हारी रानी को खा जाऊंगा। यदि तुम अपनी रानी की जान बचाना चाहते हो तो सात दिन के अंदर एक ऐसे ब्राह्मण पुत्र का बलिदान करो जो अपनी इच्छा से अपने प्राण देना चाहता हूं और मरते समय उसे मारते समय उसके माता-पिता उसके हाथ पैर पकड़े।
डर के मारे राजा राक्षस की बात मान लेता है और नगर लौटकर अपने दीवान को सारी घटना बताता है। दीवान ने कहा महाराज आप परेशान ना हो मैं उपाय करता हूं। इसके पश्चात दीवाने सात साल के बालक की स्वर्ण से मूर्ति बनवाई और उसको कीमती गहने पहनाकर नगर नगर घुमाया और यह मुनादी करवा दी कि जो भी सात बरस का ब्राह्मण पुत्र अपना बलिदान देगा और बलिदान के समय उसके माता-पिता उसके हाथ-पैर पकड़ेंगे तो यह मूर्ति और सौ गांव उसको दान में दिए जाएंगे।
यह खबर सुनकर एक ब्राह्मण का पुत्र राजी हो जाता है। वह अपने माता-पिता से कहता है - पिताजी आपको मेरे जैसे सौnपुत्र मिल जाएंगे मेरे शरीर से राजा की भलाई होगी और हमारी गरीबी भी मिट जाएगी। उसके माता पिता मना करते हैं लेकिन बालक अपनी जिद पर अड़ा रहा और उन्हें राजी कर लेता है।
बालक अपने माता पिता को लेकर राजा के पास जाता है और राजा उस बालक को लेकर राक्षस के पास गया। राक्षस के सामने जब माता पिता ने उसके हाथ पैर पकड़े और राजा तलवार से मारने को हुआ तब बालक जोर से हंसा।
इतनी कहानी सुनाकर बेताल बोला - बताओ राजन वह बालक क्यों हंसा?
राजा विक्रम बोले - वह इसलिए हंसा कि जब बालक संकट में होता है तब वह माता पिता को पुकारता है और जब माता-पिता से मदद नहीं हो पाती तो वह राजा के पास जाता है। लेकिन यहां तो माता-पिता और राजा दोनों ही उसकी बलि दे रहे थे। मां बाप उसके हाथ पकड़े हाथ पैर पकड़े हुए थे और राजा तलवार लिए खड़ा था और राक्षस उसका भक्षक बन रहा था ब्राह्मण का लड़का परोपकार के लिए अपना बलिदान दे रहा था और इसी हर्ष से वह हंसा।
राजा विक्रम की बात सुनकर बेताल बहुत खुश हुआ और बोला राजन तुमने अपनी न बोलने की शर्त तोड़ दी अब मैं चला और बेताल वापस पेड़ पर जाकर लटक जाता है। राजा विक्रम बेताल को फिर से पेड़ से नीचे उतारकर लेकर आगे चलते है।
रास्ते में चालक बेताल राजा को अपनी बातों में उलझाकर फिर से एक नई कहानी सुनाता है।
तो आज की Vikram Betal Ki Kahani में इतना ही फिर मिलते है नई कहानी के साथ सुनते रहिए Rahasyo Ki Duniya पर विक्रम बेताल की कहानियां।
विक्रम बेताल की कहानियां :-
- विक्रम बेताल की कहानियां
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 1
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 2
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 3
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 4
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 6
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 8
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 9
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 11
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 12
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 13
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 14
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 15
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 16
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 17
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 18
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 19
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 21
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 22
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 23
बेताल ने राजा विक्रम को उस एक रात में 24 कहानियां सुनाई थी और अंतिम कहानी उस योगी की थी जिसके कारण बेताल विक्रम बेताल की कहानियों को एक जगह संग्रहित कर के उसको बेताल पच्चीसी नाम दिया गया।
आगे आने वाले भाग में हम आपको विक्रम बेताल की कहानियां , Vikram Betal Ki Kahani के सभी भाग सुनाएंगे।जिसमे आपको पता चलेगा की बेताल ने कौन कौनसी ज्ञानवर्धक कहानियां राजा विक्रम को सुनाई थी।
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