Vikram Betal Ki Kahani का अगला भाग सुनाने वाले है। बेताल के द्वारा विक्रमादित्य को सुनाई गई कहानियां बच्चे और बूढ़े बड़ी उत्सुकता के साथ सुनते है। बेताल के द्वारा सुनाई गयी सभी कहानियां बहुत ज्ञानवर्धक है जो बच्चों को जरूर सुनानी चाहिए।
आप सुन रहे है रहस्य की दुनिया पर Vikram Betal Ki Kahani। कई कहानी सुनाने के बाद एक बार फिर राजा विक्रमादित्य बेताल को पेड़ से उतारकर योगी के पास ले जाने के लिए आगे बढ़ते है।
आइए विक्रम बेताल की कहानी, विक्रम बेताल की कहानी भाग 16
सबसे बड़ा कार्य किसने किया? | विक्रम बेताल की कहानी भाग 16
हिमाचल पर्वत पर गंधर्व नगर था। जहां जीमूतकेतु राजा शासन करता था। राजा के जीमूतवाहन नामक लड़का था दोनों ही पिता पुत्र बहुत ही भले और धर्म-कर्म में लगे रहते थे। इसे प्रजा स्वच्छंद हो गई और एक रोज उन्हें राजा के महल को घेर लिया।
राजकुमार ने देखा तो राजा से कहा पिताश्री आप चिंता नहीं करें। मैं सबको मार के भगा दूंगा। राजा ने बोला नहीं पुत्र ऐसा नहीं करो, युधिष्ठिर भी महाभारत करके पछताए थे।
इसके बाद राजा ने अपने गोत्र के लोगों को राज्य सौंप कर पुत्र के साथ मलयानचल पर्वत पर जाकर कुटिया बनाकर रहने लगे। वहां जीमूतवाहन की मित्रता ऋषि के एक पुत्र से हो गई।
एक दिन दोनों पर्वत पर देवी माता के मंदिर में गए जहां उन्हें देवयोग से मलयकेतु राजा की पुत्री मिली। दोनों एक दूसरे पर मोहित हो गए। जब मलयकेतु को पता चला तो उन्होंने जीमूतवाहन से अपने पुत्री की शादी कर दी।
एक दिन जीमूतवाहन को पहाड़ पर एक सफेद ढेर दिखाई दिया। जब उसने पूछा तो पता चला कि पाताल लोगों से बहुत नाग आते हैं जिनको गरुड़ खा जाता है और यह उन मृत नागों की हड्डियां का ढेर है।
जिसे देखकर जीमूत वाहन आगे बढ़ जाता है। कुछ दूर जाने की पहचान को किसी की रोने की आवाज सुनाई देती है। जब वह पास जाता है तो वहां एक बुढ़िया मां रो रही थी। जीमूतवाहन के कारण पूछने पर माता ने बताया कि उसके पुत्र शंखचूड की आज बलि चढ़ेगी अर्थात आज वह गरुड़ उसके पुत्र को खाएगा।
जीमूतवाहन ने कहा माता आप चिंता ना करो। मैं आपके पत्र की जगह जाऊंगा। बुढ़िया मां ने समझाया लेकिन वह नहीं माना।
विक्रम बेताल की कहानियां | vikram betal story in hindi
इसके पश्चात गरुड़ आया और जीमूतवाहन को अपनी चोच में पकड़ कर ले गया।
संयोग से राजकुमार का बाजूबंद वहीं पर गिर जाता है। जिस पर राजा का नाम लिखा हुआ था। उस पर खून लगा देखकर राजकुमारी मूर्छित हो गई। होश आने के पश्चात जब राजा रानी को सब पता चला तो वह बहुत दुखी हुए और जीमूतवाहन को खोजने निकल गए।
तभी उन्हें शंखचूड़ नाग मिला जो गरुड़ को पुकार रहा था - हे गरुड़ तू इस इंसान को छोड़ दे और मुझे अपना भोजन बना ले।
गरुड़ ने यह राजकुमार से पूछता है - तुम कौन हो और अपनी जान क्यों दे रहे हो?
जीमूतवाहन ने कहा उत्तम पुरुष वही है जो हमेशा दूसरों की सहायता करता है।
यह सुनकर करोड़ प्रसन्न हुआ और राजकुमार से कहा - मैं तुम्हें वरदान देता हूं जो तुम्हें चाहिए मांग लो।
जीमूतवाहन ने प्रार्थना की - वह सभी नागों को वापस जिंदा कर दें और उन्हें अपना राज्य भी वापस दिलवा दे।
गरुड़ ने सभी नागों को जिंदा कर दिया और फिर कहा कि तुम्हें तुम्हारा राज्य भी मिल जाएगा।
इसके बाद भी अपने नगर लौट आए। लोगों ने राजा जीमुतकेतु को वापस से राजगद्दी पर बैठा दिया।
इतनी कहानी सुनाकर बेताल बोला - हे राजन बताओ इसमें सबसे बड़ा कार्य किसने किया?
राजा ने कहा - शंखचूड ने।
बेताल ने पूछा - कैसे?
राजा विक्रम ने कहा -जीमूतवाहन क्षत्रिय जाति का था इसलिए उसे प्राण देने का अनुभव था लेकिन शंखचूड ने बिना प्राण देने के अभ्यास के होते हुए भी उसने अपनी जान की परवाह ना करते हुए जीमूत वाहन को बचाने के लिए अपने प्राण देने को तैयार हो गया।
इतना सुनते ही बेताल बहुत खुश हुआ और राजा से बोला - राजन तुम बहुत बुद्धिमान और धर्मात्मा हो लेकिन तुमने अपनी नहीं बोलने की शर्त को भुला दिया। राजन अब मैं चला और बेताल वापस से पेड़ भर जाकर लटक जाता है। राजा विक्रम बेताल के पीछे पीछे जाकर उसको वापस से पकड़ कर मरघट को चलते है।
तो आज की Vikram Betal Ki Kahani में इतना ही फिर मिलते है नई कहानी के साथ सुनते रहिए Rahasyo Ki Duniya पर विक्रम बेताल की कहानियां।
विक्रम बेताल की कहानियां :-
- विक्रम बेताल की कहानियां
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 1
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 2
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 3
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 4
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 5
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 6
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 7
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 8
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 9
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 10
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 11
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 12
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 13
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 14
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 15
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 17
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 18
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 19
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 20
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 21
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 22
- विक्रम बेताल की कहानी भाग 23
बेताल ने राजा विक्रम को उस एक रात में 24 कहानियां सुनाई थी और अंतिम कहानी उस योगी की थी जिसके कारण बेताल विक्रम बेताल की कहानियों को एक जगह संग्रहित कर के उसको बेताल पच्चीसी नाम दिया गया।
आगे आने वाले भाग में हम आपको विक्रम बेताल की कहानियां , Vikram Betal Ki Kahani के सभी भाग सुनाएंगे।जिसमे आपको पता चलेगा की बेताल ने कौन कौनसी ज्ञानवर्धक कहानियां राजा विक्रम को सुनाई थी।
Vikram Betal Ki Kahani,विक्रम बेताल, विक्रम बेताल की कहानियां, विक्रम बेताल की कहानियाँ, betal pachisi, betal pachisi ki kahaniya in hindi, betal pachisi ki kahaniyan
यहाँ पर आप हिंदी कहानियां , भूतिया कहानियां, असली की भूतिया कहानियां, श्रापित भूतिया गांव, गांव की कहानी, Bhooto ki kahani पढ़ सकते है।
Friends, हमें उम्मीद है आपको ‘विक्रम बेताल की कहानी भाग 16 | बेताल पच्चीसी की कहानी | Vikram Betal Ki Kahani‘ कहानियां पसंद आई होगी।
इस कहानी को Facebook Twitter Whatsapp InstaGram TeleGram पर अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें। कृपया comments के माध्यम से बताएं कि आपको यह जानकारी कैसी लगी।
नई भूतिया कहानियां पढ़ने के लिए आप हमारे फेसबुक पेज Rahasyo ki Duniya को Like और Follow करें
भूतिया कहानियां :-