दुनिया के Haunted और रहस्यमयी स्थान है जिनका रहस्य आज तक अनसुलझा है।
राजाओं ने रहने के लिए आलिशान महल, किले बनवाएं जो आज भी देश की शान है। भारत के अलग-अलग राज्यों में बने यह किले और महल इतिहास की कहानियों को बताते है। इन महलों में कई राजाओं ने अपना जीवन यापन किया और इन महलों पर कई राजाओं का अधिकार भी रहा।
अलग-अलग क्षेत्र में बने यह किले अपने गौरवशाली इतिहास को बयां करते है। हैदराबाद के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक गोलकुंडा किला, जिससे देश की सबसे बड़ी नाम मानव निर्मित झील हुसैन सागर झील 9 किलोमीटर दूर है।
गोलकुंडा किला | Golkunda Ka Kila
कहते है गोलकुंडा किला 13वीं शताब्दी में काकथिया राजवंशों के द्वारा बनाया गया जो 16वीं शताब्दी में जाकर पूरा हुआ। गोलकुंडा का किला पौराणिक कथाओं इतिहास और वास्तुकला के रहस्य के लिए प्रसिद्ध है।
गोलकुंडा का किला जिसे गोल्ला कोंडा किला भी कहा जाता है। भारत के दक्षिण में बना गोलकुंडा किला कुतुब शाही साम्राज्य की मध्यकालीन सल्तनत की राजधानी हुआ करता था।
गोलकुंडा का किला हैदराबाद से लगभग 11 किलोमीटर दूर दक्षिण दिशा में है। भारत के तेलंगाना राज्य के हैदराबाद में बना गोलकुंडा किला बहुत प्रसिद्ध है। गोलकुंडा किला प्रसिद्ध है क्योंकि यहां से भारत के बेशकीमती कोहिनूर हीरे मिले है।
गोलकुंडा का इतिहास | Golconda Fort History In Hindi
गोलकुंडा किला मराठा शासकों के समय में बनवाया गया था। 480 फीट की ऊंचाई पर बना हुआ। जो चारों तरफ से विशाल चारदीवारी द्वारा गिरा हुआ है। ककटिया के रूद्र प्रताप ने गोलकुंडा किले की मरम्मत का कार्य करवाया था। जिसके बाद मुसुनूरी नायक ने गोलकुंडा किले पर अपना आधिपत्य जमा लिया था।
मुसुनूरी ने वरंगल को हराया था। वरंगल के सम्राट ने 14वीं शताब्दी में गोलकोंडा किले को बनवाया जिसके बाद गोलकुंडा किला बहमनी राजाओं के हाथों में चला गया और इसको मुहम्मद नगर कहां जाने लगा। सन 15 से 12 ईसवी में गोलकुंडा किला कुतुब शाही राजाओं शासकों के अधिकार में आया और वर्तमान हैदराबाद के शिलान्यास तक राजधानी रहा। जिसके बाद 1697 में औरंगजेब ने इसको जीत लिया।
गोलकुंडा की पहाड़ी पर बना हुआ है जिसमें जाने के लिए कुल 8 प्रवेश द्वार है जो 3 मील लंबी विशाल चारदीवारी से घिरा हुआ है। हैदराबाद के महल, मस्जिद यहां के गौरवशाली इतिहास की गाथा सुनाते है। मूसा नदी Golconda Fort के दक्षिण दिशा में बहती है।
इसी गोलकुंडा किले से लगभग आधा मील उत्तर दिशा की तरफ कुतुब शाही शासकों ने ग्रेनाइट पत्थर से मकबरे भी बनाए है जो आज क्षीण अवस्था में है और खंडहर बने हुए है।
तारामाती की भटकती आत्मा | Golconda Fort Haunted Story In Hindi
गोलकुंडा किले का निर्माण काकतिया राजाओं के द्वारा किया गया था। गोलकुंडा किला जाने कितनी ही रहस्यमई कहानियां जुड़ी हुई है। गोलकुंडा किला की भूतिया कहानियां भी है।
कहते है कि रानी तारामती और राजा को एक साथ दफनाया गया था। जिसके बाद रानी तारामती की आत्मा आज भी गोलकुंडा किले में भटकते है। जिसके बाद गोलकुंडा किला भूतिया किला बन गया। लोग कहते है कि शाम के समय यहां अजीबोगरीब घटनाएं होती रहती है।
तारामती की आत्मा नृत्य करती दिखाई देती है और यहां चीखने चिल्लाने की आवाजें, दीवार पर टंगी हुई तस्वीरों का उल्टा होना आम घटनाएं है।
गोलकुंडा की खान | Golkunda Ki Khan
गोलकुंडा किले को 17 वीं शताब्दी तक एक हीरे का बाजार माना जाता था जहां पूरी दुनिया के सर्वोत्तम सर्वश्रेष्ठ हीरे मिलते थे। बेशकीमती कोहिनूर हीरा भी गोलकुंडा में ही मिला था।
गोलकुंडा किले की वास्तुकला का बारीकी से विवरण किया गया है। यहां के वीरान उद्यान जो कभी हरे भरे होते थे जो सुंदर पानी के फव्वारों से सुसज्जित थे। गोलकुंडा किले की भव्यता आपको उसके पुराने इतिहास में ले जाती है जहां पता चलता है कि यह किला कैसा हुआ करता था इसका इतिहास कितना भव्य था।
करीब 62 सालों तक कुतुब शाही शासकों ने गोलकुंडा किले पर राज किया जिसके बाद 1590 में कुतुब शाही राजाओं ने हैदराबाद को अपनी राजधानी बनाया।
गोलकुंडा चित्र शैली | Golkunda Ka Nirman
गोलकुंडा किला आर्कियोलॉजिकल ट्रेजर के “स्मारकों की सूची” में सम्मिलित किया गया है। वास्तव में गोलकुंडा किला चार अलग-अलग किलो का समूह है जिसकी बाहरी दिवारी लगभग 8 किलोमीटर तक फैली हुई है। गोलकुंडा किले में जाने के लिए 8 प्रवेश द्वार है और 4 उठाऊ पूल।
गोलकुंडा किले में कई शाही कमरे है। गोलकुंडा किला का परिसर, मस्जिद, मंदिर, अस्तबल इत्यादि।
गोलकुंडा किले के सबसे निचले भाग में एक दरवाजा है कहा जाता है जहां यह फतेह दरवाजा दक्षिण पूर्वी है जहां लोहे की किले लगी हुई है। इस दरवाजा में ध्वनि का आभास आज भी होता है।
गोलकुंडा किले की मुख्य विशेषता इसकी मार्बल से है। आप यहां बाल निसार मान्य रंगमंच पर दर्शकों की तालियों की गूंज आसानी से सुन सकते है। कहते है कि प्राचीन समय में आपातकाल परिस्थिति का संदेश पहुंचाने के लिए इन्हीं तालियों का उपयोग किया जाता था।
रहस्यमयी गोलकुंडा किले की विशेषताएं | About Golkunda Fort In Hindi
गोलकुंडा किला 11 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। गोलकुंडा किले में प्राचीन भारतीय शिल्प कला और वास्तुकला का सुंदर दृश्य देखने को मिलता है। यहां प्राचीन रंगमंच प्रवेश द्वार और विशाल परिसर है। गोलकुंडा किला अलग-अलग जिलों में विभाजित है जहां आपको 400 साल पुराना शाहीबाग भी देखने को मिलता है।
पूर्व दिशा में बना बाल हिसार गेट दरवाजा गोल्कोंडा का मुख्य प्रवेश द्वार है। यहां के दरवाजों पर बेहद बारीकी से नक्काशी की गई है जो दर्शकों को आकर्षित करती है। दरवाजों पर एक विशेष प्रकार का ताला और गोलाकार फलक बना हुआ है। यहां की सभी दरवाजों पर अलंकृत तरीके से मोर बनाए गए है। दरवाजों के निचले दरवाजों के नीचे वाले भाग में ग्रेनाइट से एक विशेष प्रकार का ताला गड़ा हुआ है।
गोलकुंडा किले में मोर और शेर के चित्र हिंदू मुस्लिम की मिश्रित कलाकृतियों के आधार पर बने है।
गोलकुंडा किले से 2 किलोमीटर दूर बनी टोली मस्जिद कारवां को मीर मूसा खान हकदार ने बनाया था जो अब्दुल्लाह कुतुबशाह के शाही कलाकार थे। दिखावे के लिए मस्जिद में 5 वक्र बनाए गए है जिनमें से एक वक्र में कमल में गोलाकार बना हुआ है। बीच का वक्र सबसे ज्यादा खूबसूरत और सबसे बड़ा है। मस्जिद को अंदर से दो भागों में बांटा गया है।
गोलकुंडा किले के सामने बहुत बड़ी दीवार बनी हुई है जो राज्य को सैनिकों और हाथियों के आक्रमण से सुरक्षित रखती है। गोलकुंडा किला रहस्यमय ध्वनि तंत्र के कारण बहुत प्रसिद्ध है। किले के सबसे ऊपरी भाग बाल हिसार से कई किलोमीटर दूर का नजारा दिखाई देता है। गोलकुंडा किले का जल तंत्र “रहबान” आकर्षण का मुख्य केंद्र है।
कहते है कि गोलकुंडा किले के दरबार और परिसर के बीच एक गुप्त मार्ग है जहां कुतुब शाही राजाओं की कब्रें बनी हुई है। यह कब्रें इस्लामिक परंपराओं कलाकृतियों के अनुसार बनाई गई है। ये कब्रें गोलकुंडा किले की बाहरी दीवार से उत्तर दिशा में 1 किलोमीटर दूर स्थित है। गोलकुंडा किले में बेहद खूबसूरत मनमोहक बाग बगीचे बने हुए है। बताया जाता है कि चारमीनार जाने के लिए गोलकुंडा किले से एक गुप्त मार्ग भी है।
Golconda Fort के बाहर बने हुए दो रंगमंच मुख्य आकर्षण केंद्र है। यह दोनों रंगमंच चट्टानों पर बने हुए है। किले में “काला मंदिर” भी है जो राजा के दरबार से भी दिखाई देता है। यह काला मंदिर गोलकुंडा किले की ऊंचाई पर निर्मित है।
गोलकुंडा किला में बनी इमारतें
अश्लाह खाना, तारामती मस्जिद, रामदास बंदीखाना, कैमल स्टेबल, श्मशान स्नान, किलवट, नगीना बाग, रामसा कोठा, दरबार हॉल, अंबरखाना, हब्शी कामंस इत्यादि।
रहस्यमई गोलकुंडा किले का जल तंत्र अद्भुत है लेकिन वर्तमान में गोलकुंडा किले की सुंदरता और भव्यता धीरे-धीरे क्षीण होती जा रही है जो एक बेहद दुख की बात है।
गोलकुंडा किले का प्रवेश द्वार को लोहे की कीलों से सुसज्जित किया गया है। यह कीलें प्रवेश द्वार को हाथियों के आक्रमण से सुरक्षित रखती थी। गोलकुंडा किला चारों तरफ से 11 किलोमीटर लंबी चारदीवारी से सुरक्षित है। यह लंबी विशाल दीवार गोलकुंडा किले की सुरक्षा के लिए बनाई गई थी।
नया किला
Golconda Fort का ही बड़ा रूप ही नया किला है। जब लोग यहां रहने लग गए थे तब नया किला बनाया गया था। बताया जाता है कि यहां हाथियों के आकार का एक पेड़ भी था जिसे लोग हटिया का झाड़ कहते थे। गोलकुंडा किले में युद्ध मस्जिद का भी समावेश है। सरकार ने यहां गोल्फ क्लब में को बनाने की योजना भी बनाई थी।
कुतुब शाही की कब्र
गोलकुंडा किले से उत्तर दिशा में लगभग 1 किलोमीटर दूर कुतुब शाही सुल्तान की कब बनी हुई है जिसको बेहद खूबसूरत और मनमोहक पत्थरों से निर्मित किया गया है। कब्र के चारों तरफ सुंदर, हरा भर बाग भी है। गोलकुंडा किला घूमने आने वाले पर्यटक पर्यटक कुतुब शाही की कब्र को देखने भी जाते है।
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हतियाँ का झाड़
Golconda Fort में 425 साल पुराना पेड़ अफ्रीकन बाओबाब जिसे लोग स्थानीय भाषा में हटिया का झाड़ भी कहते है। वर्तमान में यह पेड़ नया किले के परिसर में है। 425 साल पुराने पेड़ को अरबियन व्यापारियों ने सुल्तान मोहम्मद कुली कुतुबशाह को भेंट के रूप में दिया था।
गोलकुंडा किला बनाने की सामग्री
गोलकुंडा किला ईटों से बनाया गया है जिसको बाद में और भी विस्तृत किया गया। गोलकुंडा किले का निर्माण 13वीं शताब्दी में ककातिया शासकों ने कराया था जो पहले सिर्फ इटों से बना हुआ था। बाद में धीरे-धीरे गोलकुंडा किले का विस्तार किया गया।
बेशकीमती कोहिनूर हिरे
विश्व प्रसिद्ध हीरे दरिया-ए-नूर, नूर-उल-एन-हिरा, आशा का हीरा और रीजेंट डायमंड भारत के बाहर जाने से पहले गोलकुंडा के सुल्तान के अधिकार में थे।
प्राचीन समय में एक पागल आदमी ने गोलकुंडा को बचाया था। प्राचीन समय की बात है कि एक पागल आदमी था जो फतेह दरवाजे के पीछे रहता था और Golconda Fort की सुरक्षा करता था। कहते है कि जब औरंगजेब गोलकुंडा किले की अंदर आने की तैयारी कर रहा था तब इसी पागल किले की सुरक्षा की थी। इस पागल आदमी पर मुगल आक्रमण नहीं कर सकते थे तब मुगल सेना के एक अधिकारी ने उसको उस जगह को छोड़कर जाने के लिए कहा ताकि औरंगजेब गोलकुंडा किले पर आक्रमण कर सके।
ताली मारो मियान
Golconda Fort के प्रवेश द्वार पर बजाय गई ताली की आवाज किले के सबसे ऊपरी भाग बाल हिसार रंगमंच में आसानी से सुनी जा सकती है। यह संकेत दो चीजों की तरफ इशारा करता है।
- आपातकालीन स्थिति का संकेत
- घुसपैठ होने का संकेत
इस संकेत का उपयोग शाही परिवार से मिलने के लिए आने वाले मेहमानों के बारे में बताने के लिए भी किया जाता था।
माता महाकाली का मंदिर
गोलकुंडा की सबसे ऊपर महाकाली माता का मंदिर बना है। राजा इब्राहिम कुली कुतुबशाह हिंदुओं में बहुत लोकप्रिय थे। हिंदुओं ने इब्राहिम कुली कुतुब शाह को मलकाराम की उपाधि भी दी थी।
गोलकुंडा किले से प्रेरित बनी फिल्में
रामदास गोलकुंडा किले में राजस्व अधिकारी थे जिनको तानाशाही अब्दुल हसन ने जेल में डाल दिया था क्योंकि भद्रचलम श्री राम मंदिर बनाने के लिए उन्होंने पैसे का उपयोग किया था। कहते है कि भगवान राम अब्दुल हसन के सपने में आए जिसके बाद उन्होंने रामदास हो को छुड़ाने के लिए पूरे पैसे की भरपाई की थी।
गोलकुंडा किले की रहस्यमई सुरंग
Golconda Fort में एक रहस्यमई सुरंग है जो सीधे गोलकुंडा किले के बाहर निकलते है। दरबार से शुरू होने वाली है यह सुरंग किले के निचले भाग से होकर बाहर जाती है। शाही परिवार को आपातकालीन स्थिति में किले से बाहर निकालने के लिए सुरंग का उपयोग किया जाता था लेकिन वर्तमान में इस सुरंग को किसी ने भी नहीं देखा है।
गोलकुंडा किला नाइट लाइट शो | Golkunda Fort Light and Sound Show
गोलकुंडा किला रात्रि में और भी आकर्षित लगता है। यहां की लाइट दर्शकों के मन को लुभाती है। गोलकुंडा किले के आवाज और स्लाइड शो के द्वारा यहां के इतिहास की कहानियां बताई जाती है। गोलकुंडा घूमने आने वाले पर्यटकों को गोलकुंडा का इतिहास जरूर जाना चाहिए।
देखने के लिए स्थान
ऐतिहासिक Golconda Fort ज्यों का त्यों है। किले की सुरक्षा में पहरेदारी कर रही विशाल दीवारों का मुगलिया तोपें भी कुछ नहीं बिगाड़ सकी। दीवारों पर बनी नक्काशी और कलाकार्तियाँ अद्धभुत है।
गोलकुंडा किला घूमने का समय | Golconda Fort Timings
गोलकुंडा किला घूमने का समय सुबह 9 बजे से शाम के 5:30 तक है। इस समय आप गोलकुंडा किला घूमकर इसके इतिहास और यहां की सुंदरता को अच्छे से देख सकते है।
गोलकुंडा किला बना प्रेरणा | Golkunda Fort Hyderabad
गोलकुंडा किला देखने के बाद USA की तीन जगहों को गोलकुंडा में बदल दिया है
- एरीजोना
- इलेनॉयस
- नेवडा
खनन शहर गोलकुंडा जो एरिजोना में है जिसको लोग भूतों का शहर कहते है। का नाम गोलकुंडा किले के पश्चात ही रखा गया था।
इलेनॉयस भी सराहस्विल्ले 14 जनवरी 1817 को इसका नाम बदलकर गोलकुंडा कर दिया गया था। कहते है कि गोलकुंडा से प्रेरित होकर ही इस जगह का नाम बदला गया था।
कैसे पहुँचे गोलकुंडा किला | How to Reach Golkunda Fort Hyderabad
हैदराबाद में स्थित गोलकुंडा किला देखने के लिए आप हवाईजहाज, ट्रैन और बस या पर्सनल व्हीकल का उपयोग कर सकते है।
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