Real Horror Story In Hindi | चुड़ैल की कहानी सच्ची घटना | चुड़ैल की कहानी

Rahasyo ki Duniya पर हम आपके लिए Chudail Ki Kahani, भूतिया कहानियां, भूत और चुड़ैल की कहानीचुड़ैल की कहानी सच्ची घटना,चुड़ैल की कहानीबच्चों की भूतिया कहानी लाते रहते है। 

भूतिया कहानियां की कड़ी में आज हम आपको चुड़ैल की कहानी सच्ची घटना से जुडी चुड़ैल की कहानी पढ़ने को मिलेगी। 

तो चलिए शुरू करते है Chudail Ki Kahani

चुड़ैल की कहानी सच्ची घटना

चुड़ैल की कहानी सच्ची घटना | चुड़ैल की कहानी | Chudail Ki Kahani

यह कहानी मुझे मेरी दादी मां ने सुनाई थी। मेरी दादी मां एक छोटे गांव में रहती थी। ऐसा कहा जाता है कि उस गांव में भूतिया चुड़ैल रहती थी और ऐसा ही भूतिया चुड़ैल से मेरी दादी का सामना हुआ था वह एक चुड़ैल थी खुले बालों और भयानक डरावने चेहरे वाली चुड़ैल।

सर्दियों का समय था। ठंड बहुत ज्यादा थी, पूरे गांव में कोहरा(धुंध) छाया हुआ था। मेरे दादा एक बड़े अधिकारी थे। जो रोज की तरह दफ्तर का काम खत्म करके घर की ओर लौट रहे थे। घर वाले रास्ते में बाजार भी आता था। जहां मेरे दादाजी सामान लेने के लिए रुके और उनके बाकी शहर कर्मचारी चले गए। मेरे दादाजी बाजार में सामान लेने की वजह से पीछे रह गए। सामान लेते–लेते दादा जी को पता नहीं चला कि कब शाम हो गई। 

जब दादाजी ने घड़ी देखी, तो पता चला कि आज तो घर पहुंचने में बहुत ज्यादा देर हो जाएगी। तो दादा जी ने सोचा कि जंगल के रास्ते से जाऊंगा तो जल्दी पहुंच जाऊंगा। इसलिए दादाजी ने गाड़ी जंगल की तरफ घुमा ली। 

भूत और चुड़ैल की कहानी | Chudail Ki Kahani

शाम होने के कारण जंगल में बहुत ज्यादा अंधेरा हो गया था। दादाजी तेज स्पीड में गाड़ी चला रहे थे, तभी उनके सामने एक औरत आ गई। औरत को देखते ही दादाजी ने तुरंत गाड़ी रोक दी। दादाजी ने औरत की तरफ देखा तो वह औरत बहुत जोर जोर से रो रही थी। दादा जी को लगा कि हैं किसी मजदूर की पत्नी होगी जो रास्ता भटक गई है। 

रास्ता सुनसान था इसलिए दादा जी ने सोचा कि इस महिला की मदद करना जरूरी है। उन्होंने महिला से पूछा कि वह इस जंगल में अकेले क्या कर रही है। महिला ने कोई जवाब नहीं दिया और जोर-जोर से रोती रही। ऐसा लग रहा था कि सारा जंगल उस महिला के रोने की आवाज से गूंज रहा हो। 

दादाजी ने पूछा कि आपका घर कहां है फिर भी वह महिला कुछ नहीं बोली। दादाजी ने उसको बोला कि तुम मेरे साथ मेरे घर चलो। जिसके बाद वह दादा जी के साथ चलने के लिए मान गई और दादाजी के पीछे वाली सीट पर बैठ गई। गांव में घुंघट डालने का रिवाज होता है। जिसके कारण उस महिला ने भी अपने सर पर घूंघट ओढ़ रखा था और उसका चेहरा ढका हुआ था।

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चुड़ैल की कहानी | Chudail Ki Kahani

फिर दादा जी घर की तरफ निकल गए। घर पर सभी दादा जी की दादा जी का इंतजार कर रहे थे जैसे ही सबने गाड़ी की आवाज सुनी सब भागकर दादाजी के पास आ गए। 

जब सभी परिवार वालों ने उसे महिला को देखा तो दादा जी से पूछा। दादा जी ने जंगल वाली पूरी बात बताई और कहा कि अब यही खाना बना देगी। लेकिन दादी मां को उस महिला पर शक हो गया दादी को लगा कि है कोई चोर है जो घर का सामान चुरा कर भाग जाएगी। 

दादी मां ने उसे रसोई में जाकर खाना बनाने के लिए कहा। जिसके बाद वह महिला बिना कोई जवाब दिए रसोई की तरफ चली गई। रसोई में सारा सामान रखवाने के बाद दादी मां ने कहा कि सब को भूख लगी है इसलिए जल्दी से खाना बना दो। 

दादी मां ने उसे रसोई में भेज तो दिया था लेकिन उनका मन अभी भी शांत नहीं था। 10 मिनट बाद दादी मां रसोई में पहुंची तो देखा कि अभी वह महिला मछलियां बैग में से मछली निकाल रही थी, जिसको देखकर दादी मां को और भी गुस्सा आ गया और उन्होंने बोला कि तुमने अभी तक खाना बनाना शुरू ही नहीं किया। कब खाना बनेगा और कब हम लोग खाएंगे।

उस महिला का चेहरा अभी भी ढका हुआ था इसलिए किसी ने भी उसका चेहरा नहीं देखा था। दादी मां ने उसका चेहरा देखने की कोशिश की, लेकिन उसका चेहरा नहीं देख पाई। दादी मां ने बोला की जरूरत हो तो बुला लेना लेकिन फिर भी वह महिला कुछ नहीं बोली।

दादी मां को लगा कि शायद अनजान लोगों की वजह से यह झिझक रही है। जिसके बाद दादी मां चली गई।

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रसोई में अजीबोगरीब आवाज आ रही थी। फिर 10–15 मिनट बाद दादी में रसोई में आई तो, रसोई का नजारा देखकर दादी मां बहुत डर गई। उनके पैर वही पर जम गए। दादी मां के गले से आवाज नहीं निकल रही थी।

दादी मां ने देखा कि वह महिला रसोई मैं बैठकर कच्ची मछलियां खा रही। रसोई में मांस और हड्डियों के टुकड़े बिखरे हुए पड़े थे। उस महिला का घूंघट भी सर पर नहीं था और उसका चेहरा बेहद डरावना लंबे लंबे काले बाल बड़े बड़े नाखून और चुड़ैल थी। वह चुड़ैल मछली खाने में मगन थी इस कारण दादी मां पर उस चुड़ैल का ध्यान नहीं गया। 

दादी मां से चिल्लाई भी नहीं गया। दादी मां को लगा कि यह और ज्यादा भयानक ना हो जाए। दादी मां ने एक थाल उठाया और वह चूल्हे में से जलता हुआ कोयला लेकर उस चुड़ैल की तरफ दौड़ पड़े। दादी मां ने कोयला उस चुड़ैल पर फेंक दिया। 

आग की वजह से वह चुड़ैल जोर-जोर से आवाज निकालने लगी। चुडैल की आवाज सुनकर सारा घर इकट्ठा हो गया चुड़ैल को आग दिखा कर घर से बाहर निकाला गया।

चुडैल की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के सभी लोग अपने अपने घरों से बाहर आ गए और सभी ने चुड़ैल को देखा। चुड़ैल लोगों को देखकर गांव जंगल की तरफ चली गई। 

पूरे गांव के लोग चुड़ैल के डर से कांप रहे थे। और सभी मेरी दादी मां की प्रशंषा कर रहे थे। जिन्होंने सही समय पर उस चुड़ैल को आग से भगा दिया। यदि चुड़ैल को नहीं भगाया जाता तो वह पूरे गांव के लोगों को खत्म कर देती।

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