Rahasyo ki Duniya पर हम आपके लिए भूतिया कहानियां, भूत और चुड़ैल की कहानी, चुड़ैल की कहानी, चुड़ैल की कहानी सच्ची घटना, बच्चों की भूतिया कहानी लाते रहते है।
भूतिया कहानियां की कड़ी में आज हम आपको चुड़ैल की कहानी सच्ची घटना से जुडी चुड़ैल की कहानी पढ़ने को मिलेगी।
तो चलिए शुरू करते है चुड़ैल का खंडहर से जुडी भूतिया खंडहर की कहानी
भूतिया चुड़ैल | चुड़ैल की कहानी सच्ची घटना
मानसरोवर गांव के सुनसान जंगल इलाके से एक कार रफ्तार के साथ गुजर रही थी। जिसमे बैठा रणवीर बहुत ही खुश नजर आ रहा था। तभी सीट पर रखा उसका मोबाइल रिंग कर रहा था। कॉल रिसीव कर उसने मोबाइल को अपने कान से लगाया और एक हाथ से ड्राइव करने लगा। कॉल रणवीर के दोस्त गौरव का था।
चुड़ैल की कहानी
रणवीर - क्या हुआ गौरव! क्या तुम्हे थोड़ा सा भी सब्र नहीं रहा। मैने कहा था ना कि, हेवेली मेरे नाम होते ही, मैं तुझे तेरे हिस्से के पैसे दे दूंगा।
गौरव - 15 दिन निकल चुके है। आखिर कब हवेली तेरे नाम होगी और कब तू मेरे पैसे देगा।
रणवीर - अरे भाई तू थोड़ा सब्र रख, देरी कोर्ट की तरफ से हो रही है। मेरी इसमें क्या गलती है। जैसे ही काम होता है, मैं तुझे खुद इनफॉर्म करूंगा।
अब फोन रख कहकर रणवीर ने जैसे ही कॉल काटी अचानक उसकी कार बंद हो गई।
रणवीर - अरे अब इसे क्या हुआ, कहकर रणवीर ने जैसे ही सामने देखा। उसके होश उड़ गए। कार गांव के पुराने खंडहर के सामने खड़ी थी।
मै इस जगह कैसे आ गया, कहकर रणवीर ने कार स्टार्ट करने की कोशिश की। लेकिन कार स्टार्ट ही नही हुईं।
रणवीर - अरे ये क्या बकवास है। कहकर वो झुझलाता हुआ कार से बाहर निकला। मै तो अपनी हवेली जा रहा था, फिर इस खंडहर के सामने कैसे पहुंच गया।
भूतिया चुड़ैल की कहानी | भूत और चुड़ैल की कहानी | चुड़ैलों की कहानी
उसके पीछे से एक भयानक आवाज सुनाई दी।और उसने जैसे ही देखा उसके होश उड़ गए। जब मौत आती है। तो इंसान अपनी मौत तय की हुई जगह पर पहुंच ही जाता है।
उसके सामने लाल साढ़ी पहने हुए। उसकी बीवी स्वरागिनी जो भूत बन चुकी थी, भयानक अवतार में खड़ी थी। उसकी आंखे तेज लाल अंगारों के जैसे चमक रही थी। उसके हाथों के नाखून किसी खूनी खंजर जैसे लम्बे और पैने नजर आ रहे थे। जिनसे खून टपक टपक कर जमीन पर गिर रहा था।
रणवीर - ये नही हो सकता। तू... तुम... तुम... तुम वापस नही आ सकती।
मै वापस आ चुकी हूं। और तुझसे मिली धोखेबाजी का बदला तुझसे जरूर लूंगी।
नहीं रणवीर जोर जोर से चिलाया और वहा से भागने के लिए एक तरफ मुड़ा।
स्वरागिनि ने उसे अपनी शक्ति से हवा में उठा लिया।और फिर तेजी से उसको खंडहर के अंदर पटक दिया।
रणवीर चिल्लाया। और जैसे ही जमीन पर गिरा। स्वरागिनी उसके सामने आ गई।उसने उसकी गर्दन पकड़कर दूसरे हाथ से उसकी आखों में अपने पैने नाखून मारे और उसको अंधा कर दिया। मुझे छोड़ दो।
स्वरागिनी - ये तेरे किए की सजा है धोखेबाज। कहते हुए स्वरागिनि ने रणवीर की गर्दन पकड़ कर पूरी पिछे तक घुमा दी। और एक ही जटके में खत्म कर दिया।
स्वरागिनी - अब मै अपनी मौत का बदला लिए बिना नही जाऊंगी। उसको भी इसी खंडहर में ला कर मारूंगी।
स्वरागिनी वापस आ चुकी है।
कुछ देर बाद गौरव ने रणवीर को फिर से कॉल किया। और उसका नम्बर बंद आ रहा था। उस वक्त रात के 10.00 बज रहे थे।
तभी गौरव की पत्नी(आराध्या) - क्या हुआ गौरव तुम इतने परेशान क्यू लग रहे हो। इस रणवीर ने मुझसे एक डील की थी जिसके पैसे मुझे वो पिछले हफ्ते देने वाला था। लेकिन अब ये अपनी नियत खराब कर रहा है।और रोजाना आज कल आज कल कर रहा है।
आराध्या - अब सो जाओ। उससे कल जा कर मिल लेना। कहकर आराध्या ने उसको गुडनाईट बोला और लैंप बंद करके सो गई।
अचानक गौरव को महसूस हुआ कि किसी ने उसका हाथ पकड़ा है। उसने जैसे ही पलट कर देखा सामने स्वरागिनी को भयानक रूप में देख कर उसकी चीख निकल गई।
अगले ही पल स्वरागिनी ने उसका गला पकड़ लिया।और हंसते हुए बोली मुझे मारकर मेरी हवेली के पैसे खाना चाहते थे ना। फिक्र मत करो। अब तुम्हारी भी मौत बहुत जल्दी होगी। बहुत जल्दी।
सुनते ही गौरव डर कर बहुत जोरो से चिलाया।और फिर उसकी आवाज सुन कर आराध्या जाग उठी।
आराध्या - क्या हुआ गौरव तुम इतना डरे हुए क्यू लग रहे हो। ऐसा क्या देख लिया।
सुन कर गौरव ने उससे कुछ नही कहा और अपना डर छिपाते हुए बोला शायद... कोई बुरा सपना देखा था। इतना कह कर उसने आगे कुछ नही सुना।और चादर ढक कर जल्दी से आखें बंद करके सो गया।
उसने अपने डर को छिपाने की कोशिश कि लेकिन अभी भी उसकी कपकपी बंधी हुई थी।
आराध्या इस बात को देख कर हैरान थी। उस रात के बाद से गौरव की जिंदगी जहन्नुम बन चुकी थी।
रात के समय उसे कही ना कही स्वरागिनी की आत्मा नजर आने लगी थी। और वो इसी तरह डर जाता था और चीखे मरता था लेकिन आराध्या के पूछने पर वो कुछ नही बताता था।
एक रात ऐसे ही गौरव चादर से खुद को पूरी तरह ढक कर कांप रहा था।और सोने की कोशिश कर रहा था। आराध्या इस बात से परेशान थी। और जानना चाहती थी कि गौरव इतना डरा हुआ क्यों रहने लगा है।
आराध्या मैंने गौरव का ऐसा बर्ताव पहले कभी नही देखा।और मुझे इसका पता लगाना ही होगा।
गौरव उस खंडहर में मेरी लास दफन है। वहा जा कर उसका अंतिम संस्कार कर दो। वर्ना मेरी आत्मा रणवीर की तरह तुम्हे भी मार देगी।
इस बार गौरव को आवाज आई तो वो जट से डरी हुई हालत में बैड से उठ गया। उसने देखा की आराध्या बेखबर सोई हुई थी। तो वो अपने कमरे से निकल कर बाहर जाने लगा।
आराध्या सोने का सिर्फ नाटक कर रही थी। वो जल्दी से खड़ी हुई और फिर चुपके से उसके पीछे पीछे हो ली।गौरव घर से बाहर निकल कर घर के पीछे वाले जंगल की तरफ़ चला गया। आराध्या भी दबे पांव उसका पीछा कर रही थी। गौरव उसी पुराने खंडहर के सामने आकर रुक गया।
गौरव स्वरागिनी कहा हो तुम मै तुम्हारा अंतिम संस्कार करके मुक्ति दिलाऊंगा।
उसके इतना कहते ही वहा पर तेज तेज हवाएं चलने लगी। एक झोंके ने गौरव को हवा में उठाया और उसको खंडहर में ले जाकर पटक मारा।
गौरव उसको आवाज लगाते हुए, आराध्या भी खंडहर के अंदर तक पहुंची। उसको देख कर गौरव चौक गया और बोला तुम यहां कैसे पहुंची। यहां खतरा हैै।
गौरव प्लीज टैल मि वॉटस रोंग विद यू। और तुम यहां क्यों आए हो। अब गौरव ने उससे कुछ भी छिपाना ठीक नहीं समझा।
रनवीर और मै बचपन से ही बहुत अच्छे दोस्त थे।और गांव के सबसे अमीर ठाकुर के एक लड़की थी स्वरागिनी। जिसके नाम गांव की सबसे बड़ी हेवेली थी। मै और रणवीर चाहते थे की स्वरागिनी को अपने प्यार में फसा कर वो हेवेली अपने नाम करना चाहते थे।
डायन की कहानी | डायन की आवाज
लेकिन उससे शादी तो एक ही कर सकता था। इसलिए मैंने फैसला किया कि शादी रणवीर करेगा और हेवेलि नाम करवाने के बाद उस जायदाद का आधा आधा बटवारा किया जाएगा। कितनी गंदी सोच है तुम्हारी, आगे क्या हुआ।
शादी के बाद स्वरागिनी हवेली रणवीर के नाम करने को तैयार नहीं थी।और रणवीर अगर उससे जबरदस्ती करता तो वो समझ जाती की वो उससे प्यार का सिर्फ नाटक करता है। इसलिए मैने और रणवीर ने प्लान बनाया की स्वरागिनी को रास्ते से हटा देते है।
एक रात रणवीर ने स्वरागिनी को क्लोरोफॉर्म सुंघा कर बेहोश कर दिया और फिर हम उसको ले कर यहां आए और हमने उसे मारकर खंडहर में यही की कच्छी जमीन में दफना दिया। अगली सुबह रणवीर ने जुटी रिपोर्ट पुलिस में लिखवाई की स्वरागिनी अपने किसी आशिक के साथ मुझे छोड़कर भाग गई। और अब कुछ दिन बाद यह हेवेली उसके नाम हो जाती और मुझे मेरे हिस्से के पैसे मिल जाते।
लेकिन पता नहीं मरने के बाद भी स्वरागिनी वापस कैसे आ गई। और वो कह रही थी कि उसने रणवीर को मार दिया है और अब मुझे भी नही छोड़ेगी अगर मैने उसका अंतिम संस्कार नही किया तो, सुन कर आराध्या डर गई। और बोली बताओ, उसकी लाश कहा पर दफनाही है। हम उसका अंतिम संस्कार करवा देंगे।
गौरव कुछ बोलता इससे पहले ही उनके सामने स्वरागिनी खड़ी नजर आई। जिसको देखकर दोनों बेहद डर गए। वह सब मैंने तुझे यहां लाने के लिए बोला था। बाकी तो यह बात अपने मुंह से अपनी पत्नी को बता दें। सिर्फ इसलिए अब तक तुझे जिंदा रखा था। स्वरागिनी तुम्हारे साथ गलत हुआ है। मैं तुम्हारी सच्चाई सबके सामने लाकर रहूंगी।
प्लीज गौरव को माफ कर दो। नहीं इसकी मौत तो अब तय है। कहते हैं स्वरागिनी ने गौरव की गर्दन पकड़ी और एक बार फिर दीवार पर फेंक कर मारा। और अगले ही पल उसने गौरव का हाथ पकड़कर घर की घर की दीवार पर लगे पुराने से खुटे पर टांग दिया। वह खुटा गौरव के सीने के आर पार हो गया। और वह उसी पर टंग कर रह गया।
मेरा बदला पूरा हुआ। कहकर उसने आराध्या की ओर देखा उन कहा कि मेरे साथ हुई घटना की सच्चाई तुम जाकर मेरे पापा को बताओगी। और पूरा गांव मेरी सच्चाई को जानेगा। उस हवेली पर किसी और की गंदी नजर पड़े। ये मैं नहीं चाहती।
चुड़ैल का खंडहर
इसलिए पापा से कहना की उस हवेली में गांव के बच्चों के लिए एक स्कूल खोला जाए। अब मैं जा रही हूं लेकिन अगर आगे से किसी भी लड़की के साथ किसी लड़के ने धोखेबाजी करने की कोशिश की तो स्वरागिनी वापस आएगी।
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