राजस्थान में बहुत से श्रापित भूतिया गांव, भुतहा किले (Haunted Fort Rajasthan) और डरावनी रहस्यमयी जगह है। कुलधरा गांव, भूतिया गांव की भूतिया कहानियां तो आप सबने बहुत सुनी होगी, लेकिन भूतों की कहानी से दूर और सच्चाई के करीब राजस्थान का भूतिया किला (bhutiya kila) है।
भानगढ़ का किला और भानगढ़ का किला का रहस्य क्या है? भानगढ़ भूतों की कहानी क्या है? रानी रत्नावती की कहानी क्या है? भानगढ़ में रात को क्यों नहीं जा सकते? रानी रत्नावती कौन थी ? ऐसे सभी सवाल आप सभी के मन में उठ रहे होंगे।
Bhangarh Fort |
Bhangarh fort horror story in hindi - most haunted place in india
bhangarh ka kila हॉन्टेड प्लेस इन राजस्थान में से एक है। कहते है की रात के समय जो भी भानगढ़ के किले में जाता है वापस लौट कर नहीं आता है। भानगढ़ का किला घूमने के लिए बहुत लोग आते है लेकिन रात होने से पहले ही वापस लौट जाते है। रात के समय भानगढ़ का किला में जाने पर पाबंदी है।
भानगढ़ किला राजस्थान | Bhangarh Fort-Bhangarh kila
Bhangarh Fort Rajasthan India राजस्थान के अलवर जिले में है। भानगढ़ का किला अरावली पर्वतमाला की पहाड़ियों से घिरा हुआ है। भानगढ़ का किला दिखने में जितना सुन्दर है उतना ही डरावना और भयभीत करने वाला है। भानगढ़ किले को लोग भूतों का गढ़, भूतों का बसेरा भी कहते है। रात में भानगढ़ किले में भूतों महफ़िल सजती है। किसी जमाने में एक खुशहाल रियासत रहने वाला भानगढ़ का किला आज एक जिन्दा श्मशान घाट है।
किसी जमाने में भानगढ़ में लोग हसी ख़ुशी रहते थे। लेकिन आज भानगढ़ का नाम सुनते ही डर जाते है उनके दिमाग में डरावने मंजर घूमने लगते है। आखिर ऐसा क्या हुआ की, जहा कभी सुबह की शुरुआत मंदिर की घंटियों से शुरू होकर रात तवायफों के घुंघरुओं की झंकार से शुरू होती थी। आज वहां रात के समय जाने के नाम से ही लोगों के दिल की धड़कन रुक जाती है।
हालाँकि किसी ने भानगढ़ में भूतों को नहीं देखा है। लेकिन भानगढ़ के भूतों की कहानी के चर्चे पुरे देश दुनिया में मशहूर है। भानगढ़ की गिनती most haunted places in asia में करते है। Bhangarh ka kila अपने बर्बाद होने के इतिहास और यह की रहस्यमय घटनाओ के कारण पूरी दुनिया में सबसे डरावने जगहों में। जिसको देखने के लिए पूरी पर्यटक आते है। लेकिन सभी रात होने से पहले वापस लौट जाते है।
पुरातत्व विभाग ने भी भानगढ़ में सूर्य उगने से पहले और सूर्य अस्त होने के बाद किले में प्रवेश करने के समबन्ध में चेतावनी जारी की है। जिसके अनुसार कोई भी व्यक्ति रात में भानगढ़ किले में प्रवेश नहीं कर सकता है।
भानगढ़ का इतिहास | Bhangarh fort History | Bhangarh Fort Ghost Stories
सन 1583 में भानगढ़ किले को बसाया गया। जिसके बाद लगभग 300 सालों तक भानगढ़ एक खुशहाल आबाद रियासत रहा। जो वक़्त के साथ एक खण्डर में बदल चुका है। भानगढ़ का किला आज वीरान क्यों है इससे सम्बंधित कई कहानिया आसपास के लोगों द्वारा बताई जाती है।
Haunted Bhangarh Fort in Rajasthan का निर्माण आमेर महाराजा भगवंतदास के छोटे बेटे माधोसिंह ने 1583 में करवाया, जो की आमेर महाराजा मानसिंह प्रथम (शासन काल - 1589 से 1614) के छोटे भाई थे। माधोसिंह के तीन बेटे थे - सुजानसिंह, छत्रसिंह और तेजसिंह। माधोसिंह की मौत के बाद भानगढ़ किले का अधिकार छत्रसिंह को मिला। महाराजा छत्रसिंह का बेटा अजबसिंह था।
अजबसिंह ने भानगढ़ किलो को अपनी रिहायशी नहीं बनाया। अजबसिंह ने भानगढ़ के पास अजबगढ़ नगर को बसाया और वही रहने लगा। अजबसिंह के दो बेटे - काबिल सिंह और जसवंत सिंह ने भी अजबगढ़ को ही अपनी रिहायश बनाया और तीसरा बेटा हरिसिंह, सन 1822 में भानगढ़ रियासत का शासक बना।
भानगढ़ के शासक हरिसिंह के बेटे मुग़ल शासक औरंगजेब के समकालीन शासक थे। औरंगजेब की शरण में आकर दोनों बेटों ने हिंदुत्व का त्याग कर मुस्लिम धर्म को अपना लिया था। धर्म परिवर्तन के बाद उन दोनों का नाम मोहम्मद कुलीज और मोहम्मद दहलीज़ रखा। मुग़ल शासक औरंगजेब ने दोनों को भानगढ़ किले की बागडोर सौपी थी।
औरंगजेब के शासन काल में जब मुग़ल सेना कमजोर पड़ने लगी। तब महाराजा सवाई जयसिंह ने मोहम्मद कुलीज और मोहम्मद दहलीज़ को खत्म कर भानगढ़ पर अपना अधिकार जमा लिया था।
भानगढ़ की कहानी | Bhangarh fort Story in Hindi | bhangarh fort ghost images
Bhangarh kile ka Rahasya क्या है। भानगढ़ के सन्दर्भ कई भूतिया कहानियां प्रचलित है।
खण्डहर भानगढ़ |
राजकुमारी रत्नावती और तांत्रिक सिंधु सेवड़ा की कहानी | रानी रत्नावती की कहानी | princess of bhangarh ratnavati
भानगढ़ के ध्वस्त होने के बारे में राजकुमारी रत्नावती और तांत्रिक सिंधु सेवड़ा की कहानी बहुत प्रचलित है। इस कहानी के अनुसार राजकुमारी रत्नावती बहुत रूपवान और खूबसूरत थी। राजकुमारी रत्नावती के रूप की चर्चा भानगढ़ सहित आस-पास की सभी रियासतों में थी। कई राजकुमार राजकुमारी रत्नावती के रूप पर मोहित हो चुके थे और राजकुमारी रत्नावती से शादी करना चाहते थे।
भानगढ़ में तांत्रिक सिंधु सेवड़ा भी रहते थे। तांत्रिक सिंधु सेवड़ा भी राजकुमारी रत्नावती के रूप पर मोहित हो चूका था। सिंधु सेवड़ा भी किसी भी तरह राजकुमारी रत्नावती को हासिल करना चाहता था। एक दिन राजकुमारी रत्नावती की दासी, राजकुमारी के श्रृंगार के लिए बाजार में केवड़े इत्र का लेने गयी थी। तब तांत्रिक सिंधु सेवड़ा ने अपने काले जादू और तांत्रिक शक्तियों के प्रभाव से इत्र पर वशीकरण मन्त्र का प्रयोग कर राजकुमारी रत्नावती भिजवा दिया।
सिंधु सेवड़ा की कुटिल योजना थी की वशीकरण के प्रभाव से राजकुमारी रत्नावती उसके पास आ जाएँगी और वो राजकुमारी को हासिल कर लेगा। परन्तु राजकुमारी तांत्रिक की योजना समझ गयी थी। राजकुमारी ने वशीकरण के प्रभाव के अभिमंत्रित केवड़े के इत्र की शीशी को पास में पड़ी चट्टान पर फेक दी।
तांत्रिक शक्तियों और काले जादू के प्रभाव चट्टान तेज गति से तांत्रिक सिंधु सेवड़ा की तरफ जाने लगी। जब तांत्रिक ने चट्टान से अपनी मौत होती देखी तो उसने भानगढ़ को भयानक श्राप दिया की, भानगढ़ वीरान और बर्बाद हो जायेगा। भानगढ़ वासियों की मौत हो जाएगी।
उनकी आत्मायें सदा के लिए भानगढ़ में भटकती रहेंगी। उसके बाद तांत्रिक साधू की चट्टान दबकर मौत हो गयी।
तांत्रिक साधू की मौत के कुछ सालों बाद अजबगढ़ भानगढ़ में भीषण युद्ध हुआ। युद्ध में भानगढ़ की हार हुई। सम्पूर्ण भानगढ़ ध्वस्त और बर्बाद हो गया। भानगढ के रहवासियों की मृत्यु हो गयी। भानगढ़ की खूबसूरत राजकुमारी रत्नावती भी न बच सकी और उनकी मृत्यु हो गयी। जिसके बाद भानगढ़ कभी नहीं बस सका।
भानगढ़ के किले का रहस्य | Bhangarh ka Rahasya | Bhangarh fort Rajasthan Haunted Story
भानगढ़ की रहस्य बनी इस घटनाओ के कारण पुरातत्व विभाग ने Bhangarh Fort को asias most haunted place में शामिल कर दिया। पुरातत्व शास्त्रियों ने भानगढ़ के प्रवेश द्वार पर बोर्ड लगाया है।
जिसके अनुसार सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद कोई भी भानगढ़ में प्रवेश नहीं कर सकता है। रात्रि में भानगढ़ में प्रवेश करने पर पाबंधी है। bhangarh fort story in hindi
Bhangarh Fort Warning Board |
Bhangarh fort Ghost Incidents | India most Haunted place Bhangarh story in Hindi
भानगढ़ का किला वीरान, जीर्ण शीर्ण और ध्वस्त स्थिति में पड़ा है। लोग कहते है की रात के समय भानगढ़ किले में रात के समय अजीबो गरीब, चीखने चिल्लाने की आवाजें आती है। भानगढ़ का किला आत्माओं का किला है।
कहा जाता है की रात के समय ये आत्माएं वापस से अपना पुराना भानगढ़ बसा लेती है। इन बातों में कितनी सच्चाई है ये किसी को नहीं पता। लेकिन पुरातत्व शास्त्रियों ने खोज बिन करने के बाद भानगढ़ किले को लोगों के लिए असामान्य बताया और रात्रि में भानगढ़ किले में जाने पर पाबंदी लगा दी।
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नृतकियों की हवेली | Dancers Haveli Bhangarh Fort
Bhangarh Fort Dancers Haveli |
भानगढ़ में नृतकियों की हवेली भी है एक समय तवायफों के घुंघुरुओं की झंकारों से गुजने वाली नृतकियों की हवेली आज वीरान पड़ी है। कहते है आज भी रात के समय में नृतकियों की हवेली में घुंघरुओं की आवाजें आती है और ऐसा प्रतीत होता है मानो तवायफें नृत्य कर रही हो।
भूतिया कहानियां :-
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भानगढ़ किले की सरचंना | India most haunted place Bhangarh Fort
Bhangarh killa तीनो ओर से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। किले के आगे वाले भाग में विशाल प्राचीर बनी हुयी है। जो दोनों तरफ पहाड़ियों तक फैली हुयी है। प्राचीर के मुख्या भाग में हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित है। भानगढ़ में मुख्य द्वार से प्रवेश करने पर बाजार शुरू होता है। बाजार के ख़त्म होने पर त्रिपोलिया द्वार बना हुआ है। त्रिपोलिया द्वार से भानगढ़ किले के परिसर में प्रवेश किया जा सकता है।
भानगढ़ का मुख्य बाज़ार |
भानगढ़ किले में रात | Bhangarh fort at night
bhangarh fort at night बहुत डरावनी और भयानक होती है। रात के समय भानगढ़ किले में बहने वाली हवाएं बहुत खतरनाक होती है। कहते है की रात के समय भानगढ़ में जाने वाला कोई भी इंसान वापस नहीं आता है। Trip to Bhangarh - Asia's Most Haunted Place
भानगढ़ दर्शनीय स्थल | Bhangarh Fort Places
भानगढ़ किले में दर्शनीय स्थल है। भानगढ़ का किला भूतों का गढ़ कहा जाता है लेकिन आपको यहां मंदिर भी देखने को मिलेंगे। भानगढ़ मंदिरों की दीवारों और खंभों पर अदभुत नक्काशी बनी हुई है जो इन्हें और भी आकर्षित बनाती है।
भानगढ़ किले में प्रमुख दर्शनीय स्थल है।
- सोमेश्वरनाथ शिव मंदिर
- गोपीनाथ मंदिर
- मंगला देवी मंदिर
- केशवराय मंदिर
- हनुमान मंदिर
पूरी भानगढ़ रियासत खण्डर में बदल चुकी है। लेकिन भानगढ़ के मंदिर आज भी सही सलामत है। आपको जानकार आश्चर्य होगा की यहां मंदिर तो है लेकिन भगवान् की मूर्ति नहीं है। सिर्फ अकेले सोमेश्वर मंदिर में शिवलिंग है। कहते है की इस मंदिर में तांत्रिक सिंधु सेवड़ा के वंशज ही पूजा करते है। भगवान् सोमेश्वर मंदिर के नजदीक बावड़ी है। जहाँ के लोग स्नान करते थे। भानगढ़ में पुराकालीन अवशेष है।
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- रहस्यमयी किला पास आने पर हो जाता है गायब
Trip to Bhangarh - Asia's Most Haunted Place
भानगढ़ का किला डरावना और खौफनाक है। Bhangarh Fort - Asia's Most Haunted Place के ऊपर एक फिल्म Trip to Bhangarh #triptobhangarh भी बनाई गयी है। जिसमे भानगढ़ किले का रहस्य दिखाया गया है। यह फिल्म पूरी तरह Asia's Most Haunted Place - Bhangarh Fort (#asia'smosthauntedplace) पर आधारित है।
भानगढ़ किले का समय | Bhangarh Fort Timing
भानगढ़ का किला सुबह 8 बजे से शाम के 5 बजे तक खुला रहता है। रात्रि में भानगढ़ में प्रवेश वर्जित है।
भानगढ़ किला घूमने का सबसे अच्छा समय | Best time to visit Bhangarh Fort
भानगढ़ किला घूमने के लिए Bhangarh fort timing सितम्बर से फरवरी तक है। राजस्थान में गर्मी भीषण पड़ती है। इसलिए भानगढ़ किला घूमने का सबसे अच्छा समय सर्दी और बरसात का समय है।
भानगढ़ कैसे पहुंचे | How to reach Bhangarh Fort
भानगढ़ का किला अलवर जिले में है। भानगढ़ का किला जयपुर के नजदीक है इसलिए आप अलवर न जाकर राजस्थान की राजधानी जयपुर से भानगढ़ किला घूमने जा सकते है। भानगढ़ का किला राष्ट्रीय राजमार्ग 8 (Jaipur Delhi National Highway - 8) के नजदीक पड़ता है।
आप भानगढ़ सड़क,रेल और वायु मार्ग द्वारा आसानी से पहुंच सकते है।
सड़क मार्ग द्वारा
Bhangarh fort Rajasthan सभी प्रमुख सडकों द्वारा जुड़ा हुआ है। Bhangarh Fort पहुंचने के लिए आप टैक्सी या बस की सुविधा ले सकते है।
हवाई मार्ग द्वारा
अगर आप flight द्वारा Bhangarh Fort घूमने जाना चाहते है तो आपको सबसे Bhangarh Fort के सबसे नजदीकी Sanganer Airport, Jaipur पर जाना होगा। जहाँ से Bhangarh लगभग 58 किलोमीटर पड़ता है। Airport से आप टैक्सी या बस द्वारा Bhangarh पहुंच सकते है।
रेल मार्ग द्वारा
Bhangarh का सबसे नजदीक Railway Station ,Bhangarh से लगभग 11 किलोमीटर दूर Dausa Railway Station है। जहाँ से आप टैक्सी या बस द्वारा Bhangarh Fort पहुंच सकते है।
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